अपनी बनाई, बनाई बनत नहीं..

अपनी बनाई, बनत नहीं, जाको राम न देत बनाई !!ध्रुव!!

अपने बनावन कारन रावण, सीता लै गई चुराई !
आप मरे, मरि गये सकल कुल, राज विभीषण पाई !!१!!

अपने बनावन कारन कौरव, द्रोपदी चीर छिनाइ !
हारि मरे, पछताइ बंधू मिली, भारत में दुःख पाई !!२!!

अपने बनावन कारन दानव, भस्मासुर बन पाई !
जरि गये माथ, हाथ निज छुबत, महादेव सुख पाई !!३!!

अपने बनावन कारन केते, कोटिन कियो उपाई !
'लक्ष्मीपति’ नहि बने काहू से, झूठे करत बड़ाई !!४!!

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