योगी रूप में शिव का आगमन...

आजु देखो एक योगिया आये दाता !!ध्रुब!!

चढ़े बैल पर ओढे बगम्बर, साथ सदा तिहुलोक के माता !
धरे त्रिशूल कर डमरू बजाबत, फिरत रहे नहि काहु से नाता !!१!!

सिर गंगा दुतिया के निशिकर, भूति लगाय नख सिख भरि गाता !
शुद्ध शरीर शोभा अति सुन्दर, बम बम बम बोलत हँसी बाता !!२!!

भांग धथुर फल आक भोजन करि, संत को देत जिलेबी भाता !
भूमि गाय गजसोन लुटावत, सो योगिया भीख माँगी के खाता !!३!!

महादेव जग नाम कहाये, ब्रह्मादिक देवन के आता !
"लक्ष्मीपति” शरणागत आये, कृपा दृष्टि करि हेरिय त्राता !!४!!

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