आजु देखो जनमे बाले कनहाई..
आजु देखो जनमे बाले कनहाई !!ध्रुव!!
जाके ब्रह्मा पार न पाबै, सो नंदलाल कंहाई !!अंतरा!!
शंकर ध्यान धरत उर अंतर, सपनहु दरस न पाई !
सो यशुदा के पुत्र कहाये, गोपियना गोद खेलाई !!१!!
पल में जो तिहुँपुर उप्जाये, पालना नाश जनाई !
ताके नार छिलत है दगरिना दोउ कर प्राण बचाई !!२!!
नारद शेष शारदा जाके, वेद पुराण सुनाये !
सोहर गावत ताके महरिन, ढ़ोलक ताल बजाये !!३!!
अचरज और कहाँ मैं केते, महरिना दुध पिलाई !
"लक्ष्मीपति" हरि जना के कारण, यदुकुल देह धराई !!४!!
जाके ब्रह्मा पार न पाबै, सो नंदलाल कंहाई !!अंतरा!!
शंकर ध्यान धरत उर अंतर, सपनहु दरस न पाई !
सो यशुदा के पुत्र कहाये, गोपियना गोद खेलाई !!१!!
पल में जो तिहुँपुर उप्जाये, पालना नाश जनाई !
ताके नार छिलत है दगरिना दोउ कर प्राण बचाई !!२!!
नारद शेष शारदा जाके, वेद पुराण सुनाये !
सोहर गावत ताके महरिन, ढ़ोलक ताल बजाये !!३!!
अचरज और कहाँ मैं केते, महरिना दुध पिलाई !
"लक्ष्मीपति" हरि जना के कारण, यदुकुल देह धराई !!४!!
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