पद सरोज श्री राम चन्द्र के..
भजन
पद सरोज श्री राम चन्द्र के सुमर चतुर चित मेरो !!ध्रुब!!
सुमिरत सफल त्रास मिटी जैहें, पाय पदारथ चारो अन्तरा
जो पद जाय पड़े सुर पुर में , ब्रह्मा धाय पखारो
सो जल शंकर धरे शीष पर , महादेव बरियारो !!१!!
जेहि पद के रज् परसत पाहन, ऋषि पत्नी तन तारो
केवट धोय लियो नावरि में, नरक लोक भयटारो !!२!!
जे पद पल भरी तेजत नाही , उदधि – सुता उर धारो
सो पद शबरी हेरी नयन भरी , तिहुपुर भये उजारो !!३!!
कोटि कोटि पापी पद्पंकज, सुमिरत जन्म निवारो
लक्ष्मीपति’ जै चहत परम पद, तै मति चरण विसारो !!४!!
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